अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने अचानक एक सप्ताह के लिए संसद की कार्यवाही को निलंबित कर दिया है. वह सिंगापुर के लिए रवाना हो गए. उनकी यह यात्रा पहले से तय नहीं थी और न ही इसके बारे में किसी को जानकारी थी. ऐसे संसद के सत्र को एक सप्ताह के लिए निलंबित करके उनका सिंगापुर चले जाना कई सवाल खड़े कर रहा है. हालांकि, श्रीलंका की सरकार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया गया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 11 जनवरी को संसद में कार्यवाही हुई थी. इसके बाद 12 दिसंबर को कार्यवाही होनी थी, लेकिन राष्ट्रपति राजपक्षे ने संसद को निलंबित कर दिया. अब दोबारा संसद की कार्यवाही 18 दिसंबर को होगी.
संसद के सत्र को निलंबित करने के कुछ ही घंटे बाद राष्ट्रपति राजपक्षे सिंगापुर के लिए रवाना हो गए. राष्ट्रपति के अधिकारियों का कहना है कि वह निजी यात्रा पर गए हैं, तो कुछ का मानना है कि राजपक्षे चिकित्सा कारणों से सिंगापुर रवाना
हुए हैं.
गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई हैं. राजपक्षे का जन्म 20 जून, 1949 को श्रीलंका के एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में हुआ था. वह 9 भाई बहनों में पांचवें स्थान पर हैं. उनके पिता डीए राजपक्षे 1960 के दशक में विजयानंद दहानायके की सरकार में प्रमुख नेता थे और श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के संस्थापक सदस्य थे. राजपक्षे ने अपनी स्कूली पढ़ाई कोलंबो में पूरी की. वह 1971 में श्रीलंका की सेना में अधिकारी कैडेट के रूप में शामिल हुए.
70 वर्षीय नेता गोटबाया ने साल 1983 में मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की. 1980 के ही दशक में उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर स्थित ‘काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल’ में प्रशिक्षण लिया था. 1991 में वह सर जॉन कोटेलवाला रक्षा अकादमी के उप कमांडेंट नियुक्त किए और 1992 में सेना से सेवानिवृत्त होने तक इस पद पर बने रहे. वह 2005 में अपने भाई महिंदा राजपक्षे के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में मदद के लिए स्वदेश लौटे और श्रीलंका की दोहरी नागरिकता ली.
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